हिंदी नाट्य जगत में पिछले वर्षों में "कहानी का रंगमंच" और "थियेटर इन एड्युकेशन" पर काफी कुछ काम हुआ हुआ है और रंगमंच में अनेक कठिनाइयों के बावजूद दर्शकों की रुचि बढ़ी है. बाल कहानियो के नाट्य रूपांतर अथवा उनसे अभिप्रेरित बालनाटकों के सृजन में भी इधर सफल कोशिशें हुई हैं.
किताबघर से प्रकाशित डॉ. प्रताप सहगल की पुस्तक "दस बाल नाटक, तथा डॉ. प्रकाश मनु की डायमंड बुक्स द्वारा प्रकाशित नाटकों की चार पुस्तकें इस दिशा में की गई महत्वपूर्ण पहल है.अंटी देशी

बाल कहानी रंगमंच के क्षेत्र में प्रकाशित ऐसी ही एक पुस्तक है: नाटक बनती बाल कथाएं -डॉ. भानुशंकर मेहता : अनुराग प्रकाशन, चौक, वाराणसी-221001, peparback: Rs. 120/=      

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