ऐसा लगता है इबादत को चले आते हैं : siya
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जब भी हम तेरी ज़ियारत को चले आते हैं
ऐसा लगता है इबादत को चले आते हैं
बस दिखावे की मुहब्बत को चले आते हैं
लोग रस्मन भी अयादत को चले आते हैं
देखकर आपको इस द...
कविता : पप्पू की जिद
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सुबह सवेरे पप्पूजी
बागीचे में जब उठ कर आये,
देख के घोंसला चिड़िया का
ख़ुशी से थे चीखे चिल्लाये,
ताली मारते, उछ्लते-कूदते
दौड़ के फिर वो घर में...
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